Book Title: Jain Tattva Darshan Part 02 Author(s): Vardhaman Jain Mandal Chennai Publisher: Vardhaman Jain Mandal ChennaiPage 31
________________ उसभ मजिअं च वंदे, संभव मभिणंदणं च सुमई च, USABHAMAJIAM CHA VANDE, SAMBHAVA MABHINANDANAM CHA SUMAIM CHA पउमप्पहं सुपासं, जिणं च चन्दप्पहं वंदे ।। 2 ।। PAUMAPPAHAM SUPASAM, JINAM CHA CHANDAPPAHAM VANDE सुविहिं च पुप्फदंतं, सीअल सिज्जंस वासुपुज्जं च, SUVIHIM CHA PUPFADANTAM, SEEALA- SIJJANSA VASUPUJJAM CHA विमलमणतं च जिणं, धम्म संतिं च वंदामि ।। 3 ।। VIMALA MANANTAM CHA JINAM DHAMMAM SANTIM CHA VANDAMI कुंथु अरं च मल्लि, वंदे मुणिसुव्वयं नमि जिणं च, KUNTHUM ARAM CHA MALLIM VANDE MUNISUVVAYAM NAMI JINAM CHA वंदामि रिट्टनेमिं पासं तह वद्धमाणं च ।। 4 ।। VANDAMI RITTHANEMIM, PASAM TAHA VADDHAMANAM CHA एवं मए अभिथुआ, विहय रय मला पहीण जरमरणा. EVAM MAE ABHITHUA VIHUYA RAYAMALA PAHEENA JARAMARANA चउवीसं पि जिणवरा, तित्थयरा मे पसीयंत ।। 5 ।। CHAUVEESAMPI JINAVARA, TITTHAYARA ME PĂSEEYANTU कित्तिय वंदिय महिया, जे ए लोगस्स उत्तमा सिद्धा, KITTIYA VANDIYA MAHIYA, JE AE LOGASSA UTTAMA SIDDHA आरुग्ग बोहिलाभं, समाहि वर मुत्तमं किंतु || 6 || AARUGGA BOHILABHAM SAMAHIVARAMUTTAMAM DINTU चंदेसु निम्मलयरा, आइच्चेसु अहियं पयासयरा, CHANDESU NIMMALAYARA, AAICH-CHEY-SU AHIYAM PAYASAYARA सागर वर गंभीरा, सिद्धा सिद्धिं मम दिसंतु ॥ 7 ।। SAGARAVARA GAMBHIRA, SIDDHA SIDDHIM MAMA DISANTU भावार्थ: इस सूत्र में नाम पूर्वक चौबीस तीर्थंकरों की तथा गर्भित रुप मे तीनों काल के सर्व तीर्थंकरों की स्तुति की गई है | EXPLANATION: The prayers are done to all the twenty four jineshwars by name चंदेसु निम्मलया आइच्चेसुअहियं पयासन्यर सागस्वरगंभीरा, सिदासिदिदीमम दिसतु॥ 1291Page Navigation
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