Book Title: Jain Tattva Darshan Part 02 Author(s): Vardhaman Jain Mandal Chennai Publisher: Vardhaman Jain Mandal ChennaiPage 30
________________ एवमाइएहिं आगारेहिं EVAMAIEHIM AAGAREHIM अभग्गो अविराहिओ ABHAGGO, AVIRAHIO हज्ज मे काउस्सग्गो ।। 3 ।। HUJJA ME KAUSSAGGO जाव अरिहंताणं भगवंताणं JAVA ARIHANTANAM BHAGAVANTANAM नमुक्कारेणं न पारेमि ।। 4 || NAMUKKARENAM NA PAREMI ताव कायं ठाणेणं, मोणेणं, झाणेणं TAVA KAYAM THANENAM MONENAM ZANENAM अप्पाणं वोसिरामि || 5 || APPANAM VOSIRAMI भावार्थ: इस सूत्र में काउस्सग्ग करते समय स्वाभाविकता से होने वाली शारिरिक क्रियाओं से काउस्सग्ग को भंग न होने देने के लिए सोलह आगारों का वर्णन तथा काउस्सग्ग को दृढता पूर्वक पूर्ण करने की मर्यादा बतलायी गयी है। EXPLANATION: There are sixteen exceptions in a kaussagga. The kaussagga means to mediate on the reverend Arihanta bhagavanta by means of Logassa or navakar mantra. The other name of the kaussagga is kayotsarga 4. लोगस्स सूत्र (LOGASSA SOOTRA) Kum अमितकित्तइस ततीति केली गिरगउज्जोजगारे कम-तित्ययरे लोगस्स उज्जोअ गरे, धम्म तित्थयरे जिणे, LOGASSA UJJOAGARE, DHAMMA TITTHAYARE JINE अरिहंते कित्तइस्सं, चउवीसंपि केवली ।। 1।। ARIHANTE KITTAISSAM, CHAUVISAMPI KEVALEE 28Page Navigation
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