Book Title: Jain Sadhna Paddhati me Dhyana yoga
Author(s): Priyadarshanshreeji
Publisher: Ratna Jain Pustakalaya

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Page 627
________________ परिशिष्ट 'ग' संदर्भ ग्रंथ सूचि अथर्ववेद : श्रीपाद दामोदर सातवलेकर, स्वाध्याय - मंडल, औंध, १९ अणुयोग द्वार सूत्र : सुधर्मास्वामी कृत 'टी' हेमचंद्र, राय धनपति सिंह बहादुर का आगम संग्रह भाग ८८, १९३६ अनुत्तरौपपातिक दशासूत्रम् : आ. आत्मारामजी महाराज साहब (अनुवादक), जैन शास्त्रमाला कार्यालय, लाहौर, प्रथम, १९३६ अनुयोगद्वार सूत्र (टीका भाषांतर) : गणधर श्री सुधर्मास्वामी, १९३६ अभिधम्मपिटके धम्मसङ्गणिपालि : भिक्खु ज. काश्यप, पालि पब्लिकेशन बोर्ड (सिरिनवनालन्दा महाविहारस), बिहार, १९६० आवश्यक निर्युक्तिदीपिका (भाग १ ) : श्रीमन्माणेक्यसूरिश्वरजी; जैन ग्रंथ गोपीपुरा - सूरत, १९३९ आवश्यकसूत्रम् - (पूर्व भाग) : भद्रबाहुस्वामी निर्युक्ति : जिनदास गणि चूर्णीकर, जैनबंधू मुद्रणालय, रतलाम, इंदौर, १९२८ अद्वैत वेदान्त : डॉ. राममूर्ति शर्मा, नैशनल पब्लिसिंग हाऊस, रउ. दरियागंज, दिल्ली - ६, १९७२ माला, आचाराङ्ग सूत्रम् (प्रथम श्रुत) : आत्मारामजी महाराज, आ. श्री. आत्मारामजी जैन प्रकाशन समिति, लुधियाना, प्रथम, १९६३ आचाराङ्ग सूत्रम् (प्रथम श्रुतस्कंध ) : श्री सौभाग्यमलजी म. सा. (अनुवादक), श्री जैन साहित्य समिति, नयापुरा, उज्जैन, प्रथम, २००७ विक्रमाब्द आचाराङ्गसूत्रं सूत्रकृताङ्गसूत्रं च : श्री भद्रबाहुस्वामी (निर्युक्ति) श्री शीलाङ्काचार्य (टीका), मोतीलाल बनारसीदास इण्डोलाजिक ट्रस्ट, दिल्ली, प्रथम, १९७८ आप्त- परीक्षा : श्रीमद्विद्यानंदस्वामी, वीर सेवा मंदिर, सरसावा, जिला सहारनपुर, प्रथम, १९४६ आयुर्वेदतत्त्वसंदीपिका ( सुश्रुतसंहिता), महर्षिणा सुश्रुतेन, चौखम्बा, संस्कृत सीरीज आफिस, वाराणसी-१, तृतीय, १९६९ उत्तराध्ययन सूत्रम - (भाग १ से ३ ) : आत्मारामजी महाराज, जैन शास्त्रमाला, कार्यालय, लाहौर, १९३९, ४१, ४२ १०८ उपनिषद ब्रह्मविद्याखंड : पं. श्रीराम शर्मा, संस्कृति संस्थान, बरेली, (उ. प्र. ), १९६१ अक्टूबर ५६६ Jain Education International जैन साधना का स्वरूप और उसमें ध्यान का महत्त्व For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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