Book Title: Jain Sadhna Paddhati me Dhyana yoga
Author(s): Priyadarshanshreeji
Publisher: Ratna Jain Pustakalaya

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Page 641
________________ धम्मपद : त्रिपिटकाचार्य भिक्षु धर्मरक्षित, मेसर्स खेलाडीलाल संकटाप्रसाद, कचौडी गली, वाराणसी - १, १९६८ ध्यान अने जीवन (भाग - १-२ ) : श्री विजय भुवन भानु सूरीश्वरजी म., दिव्यदर्शन कार्यालय काळुशीनी पोल, अहमदाबाद - १, वि. सं. २०३० ध्यान कल्पतरू : श्री अमोलक ऋषिजी म., १९५७ ध्यान दीपिका : तपागच्छीय श्रीमान सकलचंद्रजी उपाध्याय, एस. देवीदास, खडगपुर, ई. स. १९६१ ध्यान योग : स्वामी अखंडानंद सरस्वती, सत्साहित्य प्रकाशन ट्रस्ट ध्यान योग - प्रकाश : रामलाल कपूर ट्रस्ट, बहालगढ़ (हरियाना), १९७५ १९७३ ध्यान योग रहस्य : स्वामी शिवानंद, श्री बाबूभाई लाखाणी, लाखाणी बुक डेपो, रामचंद्र बिल्डिंग, ४३७, राजा राममोहन राय रोड, गिरगांव, मुंबई नं. ४ ध्यान विचार : बुद्धि सागर सूरि, श्री अध्यात्मज्ञान प्रसारक मंडल, द्वितीय, १९२४ ध्यान शतक : जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण (भानुविजयजी - हि. गु.), दिव्यदर्शन कार्यालय, काळुशीनी पोल, अहमदाबाद- १, वि. सं. २०२८ ध्यानस्तवः : श्री भाष्कर नंदी, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, वाराणसी, प्रथम श्री अमोल जैन ज्ञानालय, धुलिया, ध्यान - सम्प्रदाय : डॉ. भरतसिंह उ., नैशनल पब्लिशिंग हाउस, दिल्ली नवकार स्वाध्याय (प्राकृत विभाग ): अनु. श्री जम्बूविजयजी (सं. तत्त्वानंद विजयजी), जैन साहित्य विकास मंडल, ११२ घोडबंदर रोड, बम्बई - ५७, प्रथम, १९६१ नवीन मनोविज्ञान : लालजीराम शुक्ल, नंदकिशोर एंड ब्रदर्स, वाराणसी, तृतीय, १९६० " निर्ग्रथ - प्रवचन: चौथमलजी म. सा. श्री दिवाकर दिव्य ज्योति कार्यालय, ब्यावर (राज.), द्वितीय, १९६६ नियमसार : श्रीमद्भगवत्कुंदकुंदाचार्य देव, श्री सेठी दिगम्बर जैन ग्रंथमाला, बम्बई, प्रथम, १९६० ५८० पउमचरियम् - (भाग - १ ) : विमलसूरि, प्राकृत ग्रंथ परिषद, वाराणसी, १९६२ पद्मपुराणम् (पद्मचरितम् ) : श्रीमद्रविषेणाचार्य, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, काशी, ई. स. १९५८ जुलाई Jain Education International जैन साधना का स्वरूप और उसमें ध्यान का महत्त्व For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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