Book Title: Jain Sadhna Paddhati me Dhyana yoga
Author(s): Priyadarshanshreeji
Publisher: Ratna Jain Pustakalaya

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Page 642
________________ परमात्म प्रकाश तथा योगसार (गुजराती) : योगीदुदेव, श्री वीतराग सत् साहित्य प्रसारक ट्रस्ट, भावनगर परमात्म प्रकाश : श्रीमद् योगीन्दुदेव, श्री परमश्रुत प्रभावक मंडल, मुंबापुरी, वि. सं. १९७२ पातञ्जल-योग-दर्शनम् तथा हारिभद्र योगविंशिका : आत्मानंद जैन पुस्तक प्रचारक मंडल, आगरा, प्रथम, १९२२ पातंजल योगदर्शनम् (व्यासदेव-भाष्य-भोज वृत्ति) : महर्षि व्यासदेव, दी फाइन आर्ट प्रिंटिंग प्रेस, अजमेर, प्रथम, १९३२ पातंजल योगदर्शनम् (गुजराती) : गुजरात विद्यासभा, अहमदाबाद, तृतीय, १८९३ पातंजल योगसूत्रम् : भोजदेवकृत भारतीय विद्या प्रकाशन २२/३९ पंचगंगा घाट, वाराणसी पाश्चात्य तत्वज्ञानाचा इतिहास (खंड-१, २, ३) : डॉ. ग. ना. जोशी, महाराष्ट्र विद्यापीठ ग्रंथ निर्मिति मंडल, नागपूर, प्रथम, १९७५ ई. स. पातंजल योगप्रदीप: श्री स्वामी ओमानंदतीर्थ, गीता प्रेस, गोरखपुर पातंजल योग-दर्शनम् : श्री ब्रह्मलीन मुनि महाराज, चेतन प्रकाशन मंदिर, बडौदा पारसी धर्म क्या कहता है? बौद्ध धर्म क्या कहता है? ताओ और कनफ्यूशस धर्म क्या कहता है? : श्री कृष्णदत्त भट्ट, सर्व सेवा संघ प्रकाशन, राजघाट, वाराणसी, प्रथम, द्वितीय, १९६३, १९६५ पालि साहित्य का इतिहास : डॉ. भरतसिंह उपाध्याय, हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग, तृतीय, १९७२ पासणाह चरिउ : प्रा. प्रफुल्ल कुमार मोदी, प्राकृत ग्रंथ परिषद, वाराणसी, १९६५ पुराणपर्यालोचनम् - (१. गवेषणात्मक, २. समीक्षात्मक) : डॉ. श्रीकृष्णमणि त्रिपाठी, चौखंभा सूरभारती प्रकाशन, वाराणसी, १९७६ पुरुषार्थ सिद्धयुपाय (भव्य प्रबोधिनी टीका सहित) : श्री मन्महामुहिम अमृतचंदसूरि, पन्नालाल बाकलीवाल, भारतीय जैन सिद्धांत प्रकाशिनी संस्था, कलकत्ता, वि. सं. २४५२ पुष्करमुनि अभिनंदन ग्रंथ : श्री देवेंद्रमुनि म. सा. (संपादक), राजस्थान केसरी अध्यात्मयोगी श्री पुष्करमुनि अभिनंदन ग्रंथ प्रकाशन समिति, बम्बई, उदयपुर, १९७६ पंचसूत्र : हरिभद्र सूरि (टी. चिरन्तनाचार्य) रामचंद्र येसु शेडगे द्वारा मुद्रयित्वा, वि. सं. १९७० जैन साधना पद्धति में ध्यान योग ५८१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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