Book Title: Jain Sadhna Paddhati me Dhyana yoga
Author(s): Priyadarshanshreeji
Publisher: Ratna Jain Pustakalaya

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Page 644
________________ भगवद्गीता : राधाकृष्णन्, राजपाल एंड संज, काश्मीरी गेट, दिल्ली, तृतीय, १९६७ मार्च भक्तियोग ः स्वामी विवेकानंद, श्री रामकृष्ण आश्रम, नागपुर, चतुर्थ, १९७३ भागवत मुहूर्त : श्री अरविंद, अदिति कार्यालय, पांडिचेरी, १९६७ भारतीय दर्शन : उमेश मिश्र, हिंदी समिति, सूचना विभाग, लखनऊ (उ. प्र.), तृतीय, १९६४ भारतीय दर्शन : वाचस्पति गैरोल, लोकभारती प्रकाशन, १५ए महात्मा गांधी मार्ग, इलाहाबाद, प्रथम, १९६२ भारतीय दर्शन शास्त्र का इतिहास, डॉ. नरेंद्रदेव सिंह शास्त्री, डॉ. हरिदत्त शास्त्री, साहित्य भंडार, मेरठ (उ. प्र.), तृतीय, १९७७ भारतीय संस्कृति में जैन धर्म का योगदान : डॉ. हिरालाल जैन, मध्यप्रदेश साहित्य परिषद, भोपाल, १९६२ भारताची आध्यात्मिक विचारधारा : स्वामी विवेकानंद, श्रीराम कृष्ण आश्रम, नागपूर भारतीय मानसशास्त्र व पातंजल योग दर्शनम् : कृष्णाजी केशव कोल्हटकर, बा. ग. ढवळे, चिराबाजार, मुंबई, द्वितीय, शके १८८१ भारतीय तत्वज्ञान : श्रीनिवास हरि दीक्षित, सुविचार प्रकाशन मंडल, महाराष्ट्र विद्यापीठ, पुणे - नागपुर, १९६९ मध्य एशिया और पंजाब में जैन धर्म : हिरालाल दुग्गड, जैन प्राचीन साहित्य प्रकाशन मंदिर, शाहदरा, दिल्ली मनोनुशासनम् : आ. तुलसी, आदर्श साहित्य संघ प्रकाशन, तृतीय मनोविश्लेषण और उसके जन्मदाता : संतोष गार्गी, परितोष गार्गी, प्रगति प्रकाशन, प्रोग्रेसिव पब्लिशर्स, १४-डी, नई दिल्ली, १९५१ मनोविज्ञान के मूल सिद्धांत : चौधरी बलबीर सिंह, एस. नगीन एण्ड कम्पनी, पब्लिशर्स एंड प्रिंटर्स, जालन्धर, १९५६ मरुधर केसरी मुनिश्री मिश्रीमलजी म. अभिनंदन ग्रंथ, मरुधर केसरी अभिनंदन ग्रंथ - प्रकाशन समिति, जोधपुर, वि. सं. २४९५ महाबंध ( भाग - ४, ५, ६, ७) : महाधवल सिद्धांत शास्त्री, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, १९४४ महापुराण (भाग-१,२ पूर्वार्ध, उत्तरार्ध) : पुष्पदंत (अनुवादक) डॉ. देवेन्द्रकुमार जैन, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, वाराणसी, पू. १९७९, उ. १९७९ जैन साधना पद्धति में ध्यान योग Jain Education International For Private & Personal Use Only ५८३ www.jainelibrary.org

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