Book Title: Jain Sadhna Paddhati me Dhyana yoga
Author(s): Priyadarshanshreeji
Publisher: Ratna Jain Pustakalaya

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Page 633
________________ षट्खंडागम (वोल्युम १३ ) ( पंचम खंड) : पुष्पदंत भूतबलि, श्रीमंत शेठ शिताबराय लक्ष्मीचंद जैन साहित्योद्धारक फंड कार्यालय, भेलसा (म. भा.) इ. स. १९५५ षट्खंडागम: खं. १५, श्रीवीरसेनाचार्य धवलटीका समन्वित, श्रीमंत सेठ शिताबराय लक्ष्मीचंद जैन साहित्योद्धारक फंड कार्यालय, भेलसा, (म. प्र. ) १९५७ सभाष्यतत्त्वार्थसूत्र : आ. श्रीविजयदर्शनसूरि, प्रथम, इ. स. १९५५ सभाष्य तत्त्वार्थाधिगम सूत्र, श्री उमास्वामी, श्रीमद् राजचंद्र आश्रम, इ. स. १९३२ सभाष्य तत्त्वार्थाधिगम सूत्र: मणिलाल, रेवाशंकर जगजीवन जौहरी, परमश्रुतप्रभावक जैन मंडल, जौहरी बाजार खाराकुवा, बंबई (महा.) १९३२ सार्थ मनुस्मृति : पं. रामचंद्र शास्त्री अंबादास जोशी, श्री गुरुदेव प्रकाशन, रविवार पेठ, पुणे सांख्यसूत्रम् ः डॉ. रामशंकर भट्टाचार्य (संपादक), भारतीय विद्या प्रकाशन, वाराणसी, सं. २०२२ सांख्यकारिका : विद्यासुधाकर डॉ. हर दत्त शर्मा, द ओरियनटल बुक एजन्सी, पूना, १९३३ सांख्यदर्शनम् (सूत्रम ), विज्ञान भिक्षु, भारतीय विद्या प्रकाशन, वाराणसी, सं. २०२२ सांख्यसूत्रम् विज्ञानभिक्षुभाष्यान्वित, सं. डॉ. श्री रामशंकर भट्टाचार्य भारतीय विद्या प्रकाशन, वाराणसी, वि. सं. २०२२ सांख्यदर्शन प्रवचन भाष्य : भारतीय विद्या प्रकाशन, वाराणसी, १९६६ / वि. सं. २०२२ ७. सांख्यतत्त्वकौमुदी "तत्त्व प्रकाशिका" हिंदी व्याख्या, डॉ. गजानन शास्त्री मुसळगांवकर, चौखम्भा संस्कृत संस्थान, वाराणसी, द्वितीय, वि.सं. २०३५ सांख्यतत्त्व - कौमुदी : श्री वाचस्पति मिश्र, चौखम्भा संस्कृत संस्थान, वाराणसी, द्वितीय, १९७९ सुत्तपिटक संयुक्त निकाय (हिंदी) : भिक्षु जगदीश काश्यप, त्रिपिटकाचार्य भिक्षु रक्षित महाबोधि सभा, सारनाथ, बनारस, प्रथम, १९५४ ई. स. सुत्तनिपात ( हिंदी - पाली), भिक्षु धर्मरत्न, अनुवादक : भिक्षु संघरत्न, महाबोधि, वाराणसी, द्वितीय, १९६० सुत्तपिटके - अड्गुत्तरनिकायपालि, भिक्खु जगदीसकस्सपो, बिहार राजकीयेन पालिपकासन मंडलेन, १९६० ५७२ Jain Education International जैन साधना का स्वरूप और उसमें ध्यान का महत्त्व For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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