Book Title: Jain Me Chamakta Chand
Author(s): Kesharichand Manekchand Daga
Publisher: Kesharichand Manekchand Daga

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Page 4
________________ प्रस्तावना दूसरी आवृत्तिकी पहले इस जैन में चमकता चाँद नाम की पुस्तक पाठक गण के करकमलों में अर्पण की थी, उस में जल्दी से लेख में जितना विषय लिखना था उतना नही लिखा गया और ग्राहकों की उसी विषयकी पुस्तक माँगने की इच्छा देखी, इसलिये हम दूसरी घ्यावृत्ति प्रकाशित करते हैं। पाठकों को इसे पढ़कर के सन्तोष होगा इस में कुछ लेख बढ़ाया है और जैनाचार्य पूज्यवर श्री १००८ मुनिजी महाराज श्री जवाहिरलालजी के गुणग्राम के वर्णन हैं। आशा है कि उक्त घ्याचार्य महाराज का गुणानुवाद कर के आपभी अपना कर्त्तव्य पालन करेंगे । आपका शुभचिन्तक मास्टर जवाहरमल शर्मा शाकद्वीपीब्राह्मण भोजक बीकानेर (राजपूताना )

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