Book Title: Jain Me Chamakta Chand
Author(s): Kesharichand Manekchand Daga
Publisher: Kesharichand Manekchand Daga

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Page 22
________________ (१७) (अभिनंदनपत्रम्) हिन्द के नेता भारत माता के वीरपुत्र भीमान् पंडितजीमहाराज पूज्य श्री १०५ श्री मदनमोहन मालवीयजी के कर कमलो में यह पत्र व्याख्यान के वक्त अर्पण किया गया जिसकी यह नकल अापके सेवा में भेट किया जाता है स्वागत की खुशा का गायन ( तर्ज बाला लागा हो राज म्हारा) प्राज तो पधारे प्यारे हिन्द के नेता । हिन्द के नेता प्यारे भारत के नेता ॥ किया है स्वागत जैन भ्राताओंने प्रानन्दहुधा है धना। परमेश्वर की पूर्ण कृपासे किया है भारत में नाम बड़ा ।। श्रापका नाममदनमोहन है साक्षात श्री कृष्ण तुल्य है। वाणी आपकी बहुत मधुर है व्याख्यान के प्राप पूरे चतुर हैं। अब तो कृपा करके प्यारे प्रेम की बंशी बजायो यहा। विश्व विद्यालय को प्रचलित करके मान बढ़ाया हिन्द

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