Book Title: Jain Me Chamakta Chand
Author(s): Kesharichand Manekchand Daga
Publisher: Kesharichand Manekchand Daga

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Page 23
________________ (२) मैं तो विनती करता है प्रभुसे मानन्द में रक्खे तुमको सदा। श्री गंगासिंहजी है पुण्यवानी उनकी महिमा लगती है प्यारी ।। नगर बीकाना है अति भारी खुशी रहो सदुनिया सारी। जवाहरमल गुण आपका गावे हिन्द के हो तुम मुख्य सितारे ॥ सर्व सज्जनों को शुभ चिन्तक-- मास्टर जवाहरमल शर्मा शाकद्वीपी ब्राह्मण भोजक ...... .बीकानेर .... (राजपूताना)

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