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वाणी उनकी बहुत मधुर है, दया का करते हैं विचार ॥ पूज्यजी ॥ जवाहरमल गुण आपका गावे, दर्शन करके फिर सुखपावे सबभ्राताओं से प्रेम बढ़ावे, अव देशका करोनी सुधार
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॥ जीवदया की लावनी ॥
सुनो मित्रवर ध्यान कान एक अर्जी तुम्हें सुनाते हैं। जीवहिंसासे हुई जो हानि सो हम तुम्हें बताते हैं । जीवहिंसासे हुई बीमारी और जीवहिंमासे कालपड़ा। जीवहिंसासे हवापिगड़गई जीवहिंसासे जल बिगड़ा । . जीवहिंसासे खाड बिगड़गई जीवहिंसासे धी बिगड़ा। जीवहिंसा होगई भारतमें भारत होगयासड़ासड़ा । शोक है उन जो पुरुषों को पेटमें कयर बनाते हैं। .हिन्दू मतकी पुस्तक में देखो वहाँपै लिखी जीवदया। चारवेद उपवेदमनुस्मृति भी देती शिक्षा कसायोंको । भारतमें श्रीकृष्णचन्द्र ने किनी जीवों पै दयामया।। कोईकहताहै मांसखाने से विद्या बहुत आजातीहै । जवऐसाहै तोक्योंनहीं कुत्तियां मिडिल पास कराती है । कोई कहता है मांसखाने से बुद्धि बहुत बढ़ जाती है। .जबऐसा है तो क्यों नही बिल्ली जजसाहव बनजाती है।