Book Title: Jain Mahapurana Kalaparak Adhyayana Author(s): Kumud Giri Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi View full book textPage 3
________________ भारतीय इतिहास अनुसन्धान परिषद्, नई दिल्ली से प्राप्त आर्थिक सहयोग से प्रकाशित इस ग्रन्थ में व्यक्त विचार, निष्कर्ष एवं तथ्य पूरी तरह से लेखिका के हैं। इनके लिये भारतीय इतिहास अनुसन्धान परिषद्, नई दिल्ली का कोई दायित्व नहीं है। प्रकाशक एवं प्राप्ति-स्थान पार्श्वनाथ विद्यापीठ आई० टी० आई० रोड, करौदी वाराणसी-२२१००५ दूरभाष ३११४६२ प्रथम संस्करण : १९९५ मल्य-एक सौ पचास रुपये © डॉ० (श्रीमती ) कुमुद गिरि JAINA MAHĀPURĀNA : KALĀPARAKA ADHYAYANA Dr. ( Smt. ) Kumud Giri Pārsvanātha Vidyāpitha, Varanasi-221005 Phone: 311462 First Edition 1995 Rs. 150/ मुद्रक : वर्द्धमान मुद्रणालय जवाहरनगर, वाराणसी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org,Page Navigation
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