Book Title: Jain Kalganana Vishayak Tisri Prachin Parampara
Author(s): Kalyanvijay
Publisher: Kalyanvijay

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Page 15
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नागरीप्रचारिणी पत्रिका महावीर-निर्वाण से २७५ वर्ष के बाद क्षेमराज का पुत्र वुड्ढराज' कलिंग देश का राजा हुअा। वुड्ढराज जैनधर्म का परम उपासक था। उसने कुभारगिरि और कुमारीगिरि नामक दो पर्व पर श्रमण और निर्गथियो के चातुर्मास्य करने योग्य ११ गुफाएँ खुदवाई थी। ___ भगवान महावीर के निर्वाण को जब ३०० वर्ष पूरे हुए तब वुड्ढराय का पुत्र भिक्खुराय कलिंग का राजा हुआ। भिक्खुराय के नीचे लिखे अनुसार तीन नाम कहे जाते हैं निग्रंथ भिक्षुओं की भक्ति करनेवाला होने से उसका एक नाम "भिक्खुराय" था। पूर्वपरंपरागत "महामेघ' नामक हाथो उसका वाहन होने से उसका दूसरा नाम "महामेघः वाहन" था। उसकी राजधानी समुद्र के किनारे पर होने से उसका तीसरा नाम "खारवेलाधिपति" था।' भिक्षुराज अतिशय पराक्रमी और अपनी हाथी आदि की सेना से पृथिवी-मंडल का विजेता था। उसने मगा देश के राजा पुष्यमित्र को पराजित करके अपनी प्राज्ञा मनवाई। पहले नंदराजा ऋषभदेव की जिस प्रतिमा को उठा ले गया था उसे वह पाटलिपुत्र (१) 'वुडढराज' का भी खारवेल के हाथीगुफावाले लेख में "वुड्ढराजा स" इस प्रकार उल्लेख है। (२) हाथीगुफा के लेख में भी भिनुराजा, महामेघवाहन और खारवेलसिरि इन तीनों नामों का प्रयोग खारवेल के लिये हुआ है। (३) खारवेल के शिलालेख में भी मगध के राजा बृहस्पतिमित्र (पुष्यमित्र का पर्याय ) को जीतने का उल्लेख है। For Private And Personal Use Only

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