Book Title: Jain Jyoti
Author(s): Jyoti Prasad Jain
Publisher: Gyandip Prakashan

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Page 5
________________ ऐतिहासिक काल में -एक में नाम के अनेक विशिष्ट मक्ति हुये है बोर नाम साम्य के आधार पर व्यक्तियों को एक ही मान लेने की प्रान्ति प्रायः होती है। झसे ऐतिहासिक घटनाओं का समाकलन भ्रमपूर्ण हो पाता है। किसी ऐतिहासिक व्यक्ति का व्यक्तित्व इतिहास की महत्वपूर्ण घटना है और कुछ व्यक्तियों के सम्बन्ध में इस प्रकार का प्रम हो पाने से इतिहास का डांचा दोषपून हो जाता है। विद्वान लेखक ने जो इतिहास के सोतों के सम्यक अध्ययन के प्रति प्रतिपक्ष थे, प्रस्तुत कोश का प्रणयन जब से ५० वर्ष पूर्व प्रारम्ब कर दिया था और इसको प्रकाश्य रूप में वर्ष पूर्व अषित किया था। ___ अकारादि क्रम से (म से अंतक) अषित प्रस्तुत कोष में विगत २,५०० वर्ष में हुये न बाचार्यो, प्रभाषक सन्तों, बायो बार्षिकाबों, साहित्यकारों, कलाकारों, बर्म एवं संस्कृति के पोषक रामपुरुषों और अन्य उल्लेखनीय पुरुषों एवं महिमानों का संक्षिप्त प्रामाणिक परिचय ससंवर्म संकलित किया गया है। परिशिष्ट में अधुना-दिवगत उल्लेखनीय व्यक्तियों का भी समावेश किया गया है। ___ यह कोश विद्वानों और खोपापियों के लिये तो अत्यन्त उपयोगी है ही, सामान्य विमासु पाठकों के लिये भी यह मान का अनुपम भण्डार है। इसके माध्यम से इतिहास के स्रोतों के प्रति जिज्ञासा जागृत भी होगी और उसकी तुष्टि भी होगी।

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