Book Title: Jain Dharma me Atmavichar
Author(s): Lalchand Jain
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 317
________________ ( ३०२ ) X १४. आत्ममीमांसा (हिन्दी विवेचन सहित ) : पं० मूलचन्द्र जी शास्त्री ; प्रकाशक श्री शान्तिवीर दि० जैन संस्थान; सन् १९७० । १५. आत्म मीमांसा तत्त्वदीपिका : प्रो० उदयचन्द्र जैन ; प्रकाशकश्री गणेश वर्णी दि० जैन संस्थान, नरिया, वाराणसी; प्रथम संस्करण; वी० नि० सं० २५०१ । १६. आत्ममीमांसा : पं० दलसुख मालवाणिया; मुद्रक - रामकृष्णदास, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय प्र ेस, बनारस; १९५३ | १७. ७. आत्म रहस्य : रतनचन्द्र जैन, प्रकाशक - मार्तण्ड उपाध्याय, सस्ता साहित्य मण्डल, नई दिल्ली; सन् ९९४८ । १८. आत्मवाद : मुनि फूलचन्द्र श्रमण; सम्पादक - मुनि समदर्शी प्रभाकर; प्रकाशक --आ० श्री आत्माराम जैन प्रकाशन समिति, जैन स्थानक, लुधियाना । १९. आत्मविज्ञान : राजयोगाचार्य स्वामी व्यासदेव जी ; प्रकाशकयोग निकेतन ट्रस्ट, गंगोत्तरी, उत्तरकाशी, स्वर्गाश्रम, ऋषिकेश (उत्तराखण्ड); १९६४। २०. आत्मानुशासन ( हिन्दी भाषानुवाद सहित ) : गुणभद्राचार्य; प्रकाशक – इन्द्रलाल शास्त्री विद्यालंकार, जयपुर; श्रुत पंचमी, वी० नि० सं० २४८२ । २१. आत्मानुशासन : आचार्य गुणभद्र प्रकाशक - जैन संस्कृति संरक्षक संघ, शोलापुर ; वि० संवत् २०१८ २२. आप्तपरीक्षा (हिन्दी अनुवाद - प्रस्तावनादि सहित ) : विद्यानन्द स्वामी; सम्पादक और अनुवादक - न्यायाचार्य पं० दरबारीलाल कोठिया ; प्रकाशक - वीर सेवा मन्दिर, सरसावा, जिला सहारनपुर, प्रथमावृत्ति; वीर नि० सं० २४७६ । २३. आप्तमीमांसा : समन्तभद्राचार्य; सम्पादक - पं० जुगलकिशोर जी मुख्तार; प्रकाशक - वीर सेवा मन्दिर ट्रस्ट; सन् १९६७ । २४. आयारो : सम्पादक - मुनि श्रीनथमल प्रकाशक - जैन श्वे० तेरापंथी महासभा, कलकत्ता; सन् १९६७ । २५. आराधनासार : देवसेनाचार्य; सम्पादक - टी० रत्नकीर्ति देव; जैन धर्माशाला, प्रयाग; सन् १९६७ । Jain Education International - For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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