Book Title: Jain Dharma me Atmavichar
Author(s): Lalchand Jain
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 322
________________ ( ३०७ ) ‘७९. तत्त्वार्थश्लोकावातिकम् : विद्यानन्दि; सम्पादक-पं० मनोहर लाल; प्रकाशक-गांधीनाथारंग-जैन ग्रन्थमाला, निर्णय सागर प्रेस, बम्बई; वी० नि० सं० २४४४ । '८०. तत्त्वार्थसार : अमृतचन्द्र सूरि; सम्पादक-बंशीधर शास्त्री; भा० ज० सि० प्र० सं०, कलकत्ता; वीर सं० २४४५ । ८१. तत्त्वार्थसूत्र : सम्पादक-पं० फूलचन्द्र जैन, प्रकाशक-श्री गणेशवर्णी ग्रन्थमाला, वाराणसी; वी० नि० सं० २४७६ । ८२. तत्त्वार्थसूत्र (हिन्दी भूमिका और व्याख्या सहित): पं० सुखलाल संघवी, भारत जैन महामण्डल, वर्धा, प्रथम संस्करण; १९५२ । ८३. तत्त्वार्थसूत्र : उमास्वामी; सम्पादक -- पं० कैलाशचन्द्र सिद्धान्तशास्त्री, प्रकाशक-भारतीय दिगम्बर जैन संघ; प्रथम आवृत्ति; वी० नि० सं० २४७७ । ८४. तत्त्वार्थाधिगमसूत्र सभाष्य (हिन्दी भाषानुवाद सहित ) : प्रकाशक-श्री परमश्रुत प्रभावक जैन मण्डल, बम्बई-२; सन् १९३२ । ८५. तिलोयपण्णत्ति ( हिन्दी अनुवाद सहित): यति वृषभ; प्रकाशक-जीवराज जैन ग्रन्थमाला; प्रथम संस्करण; विक्रम सं० १९९९। ८६. तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्यपरम्परा : डा० नेमिचन्द्र शास्त्री ज्योतिषाचार्य; अ० भा० दि० जैन विद्वत्परिषद् प्रथम संस्करण; १९७४ । ८७. तैत्तिरीय उपनिषद : गीता प्रेस, गोरखपुर । ८८. तर्कभाषा : केशव मिश्र प्रकाशक-सं० सी०, चौक, वाराणसी। ८९. तर्कसंग्रह : अन्नम भट्ट, प्रकाशक-हरिदास संस्कृत ग्रन्थमाला, संस्कृत सीरीज आफिस, वाराणसी ; सप्तम संस्करण; वि० सं० २०२६ । ९०. त्रिलोक सार : नेमिचन्द्र प्रकाशक-जै० सा०, बम्बई; प्रथम संस्करण; १६१८ । ९१. दर्शन और चिन्तन : पं० सुखलाल जी, प्रकाशक-पं० सुख Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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