Book Title: Jain Dharma me Atmavichar
Author(s): Lalchand Jain
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 325
________________ ( ३१० ) सहित) : कुन्दकुन्दाचार्य; प्रकाशक-रावजी भाई छगन भाई देसाई, आनरेरी व्यवस्थापक, श्री परमश्रुत प्रभावक मण्डल, श्रीमद्राजचन्द्र जैन शास्त्र माला, श्रीमद्राजचन्द्र आश्रम, आगास, तृतीयावृत्ति, वि० सं० २०२५ । -११६. पतंजलि योगदर्शन भाष्य : महर्षि व्यासदेव; प्रकाशक-श्री लक्ष्मी निवास चंडक, अजमेर; द्वितीय संस्करण; सन् १९६१ । ११७. पद्मनन्दि पंचविंशतिका : पद्मनन्दि; प्रकाशक-जीवराज ग्रन्थमाला; प्रथम संस्करण; सन् १८३२ । -११८. पद्मपुराण : रविषेण; प्रकाशक-भारतीय ज्ञानपीठ, काशी; प्रथम संस्करण; वि० सं० २०१६ ।। ११६. परमात्मप्रकाश : (संस्कृत वृत्ति एवं हिन्दी भाषा टीका सहित) : योगीन्दु देव; सम्पादक-आदिनाथ नेमिनाथ उपाध्ये; प्रकाशक-परमश्रुत प्रभावक मण्डल, रायचन्द्र जैन शास्त्र माला, जौहरी बाजार, बम्बई-२; द्वितीय संस्करण; वि० सं० २०१७ । १२०. परीक्षामुख : माणिक्यनन्दि; सम्पादक-मोहनलाल शास्त्री, जबलपुर। १२१. पुरुषार्थसिद्धयुपाय (हिन्दी अनुवाद सहित) : अमृतचन्द्र सूरि; प्रकाशक-भा० जै०सि०प्र०सं०, कलकत्ता; वी० सं० २४५२ । १२२. प्रकरणपंचिका : शालिकनाथ; प्रकाशक-चौखम्भा संस्कृत सीरीज, वाराणसी। १२३. प्रज्ञापनासूत्र-पण्णवणासुत्तं : सम्पादक-मुनि श्री पुण्यविजय आदि; प्रकाशक-श्री महावीर जैन विद्यालय, बम्बई; सन् १२४. प्रमाण-नय तत्त्वालोक : वादिदेव सूरि; विवेचक और अनु वादक-पं० शोभाचन्द्र भारिल्ल न्यायतीर्थ; प्रकाशकआत्म जागति कार्यालय, श्री जैन गुरुकुल शिक्षण संघ, ब्यावर; प्रथमावृत्ति; सन् १६४२। । १२५. प्रमाण-नय-निक्षेप प्रकाश : सिद्धान्ताचार्य पं. कैलाशचन्द्र शास्त्री; प्रकाशक-मन्त्री, वीर सेवा मन्दिर ट्रस्ट, अस्सी, वाराणसी-५; प्रथम संस्करण; वी०नि० संवत् २४९७ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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