Book Title: Jain Dharma me Atmavichar
Author(s): Lalchand Jain
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 326
________________ ( ३११ ) १२६. प्रमेयकमलमार्तण्ड : प्रभाचन्द्राचार्य; सम्पादक-पं० महेन्द्र कुमार शास्त्री; प्रकाशक-निर्णय सागर प्रेस; द्वितीय संस्करण; सन् १९४१ । १२७. प्रमेयरत्नमाला (हिन्दी व्याख्या सहित ): लघु अनन्तवीर्य; व्याख्याकार तथा सम्पादक-पं० श्री हीरालाल जी जैन; प्रकाशक-चौखम्भा विद्या भवन, वाराणसी; प्रथम संस्करण; वि० सं० २०२० । १२८. प्रवचनसार : कुन्दकुन्दाचार्य; सम्पादक-आ० ने० उपाध्ये; प्रकाशक-परमश्र त प्रभावक मण्डल, श्रीमद्राजचन्द्र जैन शास्त्रमाला, अगास; तृतीय आवृत्ति; सन् १९६४ । १२९. प्रशमरतिप्रकरण (हिन्दी टीका सहित) : उमास्वाति; प्रकाशक रायचन्द्र जैन शास्त्रमाला, परमश्रुत प्रभावक मण्डल, बम्बई; प्रथम संस्करणः सन् १९५० । १३०. प्रेमी अभिनन्दन ग्रन्थ : प्रकाशक-प्रेमी अभिनन्दन ग्रंथ समिति, टीकमगढ़; अक्तूबर १९४६ । १३१. बौद्ध दर्शन तथा अन्य भारतीय दर्शन-भाग १-२ : भरतसिंह उपाध्याय, प्रकाशक-बंगाल हिन्दी मंडल, रायल एक्सचेंज प्लेस, कलकत्ता; वि० सं० २०११। ११३२. बौद्ध दर्शन में आत्म परीक्षा ( शोध प्रबन्ध ) डा० महेश तिवारी; बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर (अप्रकाशित)। १३३. बौद्ध धर्म दर्शन : आचार्य नरेन्द्र देव; प्रकाशक-बिहार राष्ट्रभाषा परिषद, सम्मेलन भवन, पटना-३; प्रथम संस्करण; वि० सं० २०१३। १३४. ब्र० पं० चन्दाबाई अभिनन्दन ग्रन्थ : प्रकाशक-अ. भा० दि० जैन महिला परिषद्, श्री जैन बाला-विश्राम, धर्मकुंज, धनुपुरा, आरा; वी० नि० २४८० । १३५. ब्रह्मसूत्र श्री शांकर भाष्य : प्रकाशक-चौखम्भा विद्या भवन, वाराणसी; प्रथम संस्करण; सन् १९६४ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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