Book Title: Jain Dharm Prakash
Author(s): Shitalprasad
Publisher: Parishad Publishing House Bijnaur

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Page 235
________________ ( } ५. पोन्नूर हिल – कांचीदेश स्टेशन तिडिचनम् से २४ मील । यहाँ श्री कुन्दकुन्दाचार्य जी की तपोभूमि व स्वर्गगमन स्थान है । ८३. जैनियों के कुछ प्रसिद्ध आचार्य व उनके उपलब्ध ग्रन्थ १. श्री कुन्दकुन्दाचार्य - वि० स०४६ । श्री पञ्चास्तिकाय, प्रवचनसार, समयसार, नियमसार, अष्टपाहुड़, रयणसार, द्वादशभावना । २. श्री उमास्वामी - वि० सं० ८१ । श्री तत्वार्थसूत्र ३. बटुकेर स्वामी श्री मुलाचार | - ४. श्री पुष्पदन्त भूतबलि -- श्री धवल, जयधवल, महाधवल । ५. श्री समन्तभद्राचार्य - वि० द्वि० शताब्दि, स्वयंभूस्तोत्र, देवागम स्तोत्र, रत्नकरण्ड श्रावकाचार, २४ जिन स्तुति, युक्तानुशासन । ६. शिवकोटी - वि० द्वि० शताब्दि, भगवती श्रारा. धनासार । ७. श्री पूज्यपाद - वि० चतुर्थ शताब्दि । समाधिशतक, इष्टोपदेश, सर्वार्थसिद्धि, जैनेन्द्र व्याकरण, श्रावकाचार | ८. श्रीमाणिक्यनन्दि - वि० छठी शताब्दि | परीक्षा मुख, न्यायसूत्र । ६. श्री अकलदेव - वि० अष्टम शताब्दि । राजवार्तिक, श्रष्टशती ।

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