Book Title: Jain Dharm Prakash
Author(s): Shitalprasad
Publisher: Parishad Publishing House Bijnaur
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( २०८ )
१०. श्री जिनसेनाचार्य - वि०श्रष्टम शताब्दि | श्री श्रादि
पुराण, जयधवल टीका का भाग।
११. प्रभाचन्द्र - श्री प्रमेयकमल मार्तण्ड |
१२ पुष्पदन्तकवि - प्राकृत महापुराण आदि । १३ श्री जिनसेनाचार्य - वि० अष्टम शताब्दि | श्री हरिवंश पुराण |
१४. श्री गुणभट्टाचार्य - वि० नवम शताब्दि | श्रीउत्तर पुराण, श्रात्मानुशासन, जिनदत्त चरित्र ।
१५. श्री विद्यानन्दि - वि० नवम शताब्दि । आप्तपरीक्षा श्लोकवार्तिक, प्रमाणपरीक्षा, अष्टसहस्री, पत्रपरीक्षा । १६. श्रीनेमिचन्द्र सिद्धान्तचक्रवर्ती - वि० दशम शताब्दि | श्री गोम्मटसार, लब्धिसार, क्षपणोसार, त्रिलोकसार, द्रव्य संग्रह |
१७. श्री अमृतचन्द्र आचार्य - वि० दशम शताब्दि | पञ्चास्तिकाय, प्रवचनसार, समयसार पर संस्कृत वृत्ति, तत्वार्थसार, पुरुषार्थ सिद्धयुपाय |
१८. श्री देवसेनाचार्य -- वि० दशम शताब्दि । श्रालापपद्धति, तत्वसार, दर्शनसार, श्राराधनासार ।
१६. श्री जयसेनाचार्य - वि० दशमशताब्दि । प्रवचन सार, पश्चास्तिकाय, समयसार पर सस्कृतवृत्ति ।
२०. श्रमितगति - वि० ११ शताब्दि | श्रावकाचार, सामायिकपाठ, धर्मपरीक्षा, सुभाषितरत्नसंदोह ।
२१. शुभचन्द्र - वि० ११ शताब्दि | श्री ज्ञानार्णव ।

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