Book Title: Jain Dharm Darshan Part 05
Author(s): Nirmala Jain
Publisher: Adinath Jain Trust
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* प्रस्तुत प्रकाशन के अर्थ सहयोगी*
फलोदी निवासी श्रीमती रेशमीबाई कवाड़
स्व. श्री पन्नालालजी कवाड़
स्व. श्रीमती गुलाबबाई कवाड़
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जीवनपर्यंत जिसने धर्म के मर्म को समझा, आधि-व्याधि, सुख-समृद्धि में भी समभाव जो रखा,
देव-गुरू-धर्म के प्रति सदा समर्पित रहे, विराट् कुटुम्ब को कल्पवृक्ष समझकर जीवन जीते रहे । ऐसे हमारे पूर्वज पूजनीयों के सुकृत व तपोनुमोदनार्थ
यह जैन धर्म दर्शन समर्पित
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