Book Title: Jain Bhajan Sangraha 01
Author(s): Fatehchand Chauthmal Karamchand Bothra Kolkatta
Publisher: Fatehchand Chauthmal Karamchand Bothra

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Page 10
________________ ६ छव प्राण किण में पावे ? बेइन्द्री में-रस, स्पर्श वचन, काया, प्रवासोपवास, आयुष । ७ सात प्राण किण में मावे ? तेइन्द्रौ में ( श्रोत, ___ चक्ष, सन टल्या)। ८ आठ प्राण किण में पावे ? चौइन्द्री में ( श्रोत, मन टल्या)। ६ नव प्राण किण में पावे ? असन्नी पंचेन्द्री में (मन टल्यो)। १० दश प्राण किरण में पावे ? समचे जीव में ।' ७ सातवें बोले शरीर पांच ५१ एक शरीर किरण में पावे ? एक शरीर किरा ही में नहीं पाये। २ दोय शरीर किश में मावे ? बाटे वहता जीव में-तेजस, कास। ३ तीन शरीर किण में पावे ? पृथ्वीकाय में-ो दारिक, तेजस, कार्मण । ४ चार शरीर किण में पावे ? वायुकाय में ( त्रा हारिक टलो)। ५ पांच शरीर किण में मावे ? समचे जौर में। ८ आठवें बोले योग पन्द्रह १५ १ एका योग किगा में पावे ? दोसता धान के

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