Book Title: Hansraj Vacchraj no Ras
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 92
________________ (ए) पान फूल लेवो तेहनो रे, माता मुजने ने सही नीम ॥ वस्त्र नवु पहेलं नहीं रे, जिहां न मले तिहां सीम ॥ वा० ॥ १५ ॥ मालण फूल परहां कीयां रे, कंचू लीधो हाथ ॥ अलगो नयणे नीहालीयो रे, कीधो ले सही नाथ ॥ वा ॥ २०॥ दीतुं नाम कंतनुं रे, दी आपण नाम ॥ दीगं मन आणंदीयुं रे, विधिशुं करे प्रणाम ॥ वा ॥ २१॥ ढाल हुश ए पंचमी रे, वांच्या आणंदपूर ॥ आगे वात सहु पूबशे रे, कहे श्रीजिनोदय सूरि ॥ वा ॥२२॥ सर्व गाथा ॥ ए॥ ॥दोहा॥ ॥ खस्तिश्री कुंती थकी, लिखितं श्री वनराज ॥ कुशल देम हुं श्रावीयो, फुःख म करे मो काज ॥१॥ सलखु मालणने घरे, रहुं बुं सदा उदास॥ परमेसर जाणे सही, केहवो करुं प्रकाश ॥२॥ हम तुम जिहांथी विड्यां, करवी निंद हराम ॥ अन्न पाणी निरतो ज, हवे जीव आयो ठाम ॥३॥ उखाणो नदी नावनो, आय मिल्यो श्हां गम ॥ सहीयारो समुज लगे, तुम हम हवे प्रमाण ॥४॥ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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