Book Title: Gyanpushpa Author(s): Taran Taran Gyan Samsthan Chindwada Publisher: Taran Taran Gyan Samsthan Chindwada View full book textPage 6
________________ वर्तमान की आवश्यकता..... वर्तमान में तारण समाज में धार्मिक शिक्षा की अत्यंत आवश्यकता है। हमारी नई पीढ़ी को सुसंस्कारित करने हेतु शिक्षा ही सबसे बड़ा माध्यम है। धार्मिक आचार विचारों की शून्यता को दूर करने के लिये यही एक साधन है। विगत १५ - २० वर्षों से हम इस पवित्र कार्य के लिये प्रयासरत हैं। जो साकार हो रहा है। सन २००९ में श्रीमद तारण तरण ज्ञान संस्थान के अंतर्गत श्री ता तरण मुक्त महाविद्यालय की स्थापना की गई। यह महाविद्यालय पत्राचार के माध्यम से संपूर्ण देश में समाज के समस्त वर्गों में स्वाध्याय की रुचि को जाग्रत कर प्रवेशार्थियों की शास्त्री की उपाधि से अलंकृत करने के लिये कृत संकल्पित है। इसके माध्यम से हम समाज में प्रचलित समस्त भ्रान्तियों का उन्मूलन करने का भी प्रयास कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य समाज में अच्छे वक्ता और श्रोता के गुणों का विकास करना भी है। पंचवर्षीय पाठयक्रम में जो विषय दिये हैं वे बहुत ही सटीक हैं, जिनके अध्ययन से प्रवेशार्थियों के लिये कल्याणकारी ज्ञानोपार्जन की सुविधा होगी। महाविद्यालय में अध्ययन करने हेतु देश के कोने - कोने से प्रवेशार्थियों द्वारा प्रवेश लेने का जो उत्साह है वह अत्यंत प्रशंसनीय है। हम सभी प्रवेशार्थियों को मंगल भावना के साथ धन्यवाद ज्ञापित करते हैं, जिन्होंने महाविद्यालय में प्रवेश लेकर अध्ययन करने का संकल्प किया है, आप पंचवर्षीय पाठयक्रम पूर्ण कर सम्यग्ज्ञान के लक्ष्य को उपलब्ध करें, हमारी शुभकामनायें आपके साथ हैं। आप सभी का जीवन मंगलमय हो, इन्हीं मंगल भावनाओं सहित..... सिंघई ज्ञानचंद जैन श्रीमंत सरेशचंद जैन बीना सागर ज्ञान समान न आन जगत में, सुख को कारण सच्चा ज्ञान ही सुख का कारण है। स्वाध्याय से इस लोक और परलोक में सुख प्रापत होता है। स्वाध्याय की रुचि में प्रत्येक वर्ग में जागृत हो इसी उद्देश्य से मुक्त महाविद्यालय के माध्यम से पंचवर्षीय पाठ्यक्रम प्रारंभ किया गया है। प्रथम वर्ष में सभी ने इस ओर गहरी रुचि दिखाई है। आगे भी हम इस क्रम को बनायें रखें और पंचवर्षीय पाठ्यक्रम को पूरा करें। नये विद्यार्थी और खासतौर पर नवयुवक वर्ग स्वाध्याय के क्रम को बनाने हेतु महाविद्यालय से जुड़ें। सभी वर्ग से विनम्र अपील है कि प्रवेश पत्र भरकर ज्ञानार्जन के प्रथम सोपान में कदम रखें। शुभकामनाओं सहित...... तरुण गोयल प्रदीप स्नेही प्रचार सचिव सचिवPage Navigation
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