Book Title: Gnatadharmkathanga Sutram Part 02
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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ज्ञाताधर्मकथाper
नाम्नी दारिपुत्री, पुरत अग्रे कृत्वा कौन राजमार्गो पर पुष्पमण्डपस्तौवोपागच्छति, उपागत्य हस्तिस्कन्यात् प्रत्यरोहति मत्यवतरति प्रत्यवरुणा पुष्पमण्डपमनुप्रविशति, अनुपविश्य सिंहासन रगतः ' पुरत्याभिमुह ' पौरस्त्यामि मुग्वः पूर्वदिङ्मुखः, 'सभिसन्ने' सनिपण्ण: = उपविष्ट । ततस्तदनन् 'ताओ ' ताः, 'अतेउरियाओ' आन्त पुरवासिन्यो वनिता सुनहूदारिश पटके 'दुरुहेति' दुरोहति = आरोहयन्ति उपवेशयन्तीत्यर्थः दुरुप=आरोप श्वेतपीत केः = राजतसौवर्णेः कलशै स्नपयन्ति, स्नपयित्वा सर्वालङ्कारविभूषिता कुन्ति कृत्वा =भूपयित्वा पितुः पादौ वन्दितुमुपनयन्ति तत सल सुबाहुद्वारिका यौन रुसमी राजा तौत्रोपाग मनुष्य घुस नहीं सकता है तथा अन्त' पुर से परिवृत होते हुए अपनी पुत्री सुधादारिका को आगे करके जहां राजमार्ग के समीप पुष्पमंडप नाँ हुआ था वहाँ आये । ( उवागच्छित्ता हत्यिखघाओ पच्चोरुहर, पच्चोरुहित्ता पुप्फमडव अणुपविम-अणुविसित्ता सीरासनवरगए पुरत्याभिमूहे सन्निमन्ने ) वहा आकर वे हाथी के स्कध से नीचे उतरे। उतर कर पुष्प मडप में उपविष्ट हुए । यहा जाकर वे पूर्वदिशा की तरफ मुख कर के श्रेष्ठ सिहासन पर बैठ गये । (तणं ताओ अन्ते दरियाओ दारिय पयति दुरुदेति, दुरुहिता सेयपीयएहि कलसेहिं व्हावेंति, महावित्ता सन्चालकारविभूसिय करेंति-करिता पिउणो पाय बदिउ वर्णेति ) इसके बाद उन अन्तः पुर निवासिनी स्त्रियों ने सुबाहुदारिका को पाट पर चढाया और चढ़ा करके बैठा कर के चादी और सुवर्ण के श्वेत पीले कलशों से उसे स्नान कराया-स्नान कराने के बाद
ભટાના સમૂહની વચ્ચે તેમજ અન્ય પુરની સાથે પેાતાની પુત્રી સુબાહુ દારિકાને આગળ રાખીને જ્યા રાજમાર્ગની પાસે પુષ્પમપ હતા ત્યા ગયા
( उवागच्छित्ता हत्यिखधाओ पच्चोहर, पच्चोरुहित्ता पुष्पमडव अणुपविसह अणुपविसित्ता सीहासनवरगए पुग्त्याभिमुद्दे सन्निसन्ने )
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ત્યા આવીને તે હાથીના ઉપરથી નીચે ઉતર્યાં ઉતરીને તેઓ પુષ્પ મડપની અ દૂર ગયા ત્યા જઈને તેઓ પૂર્વ દિશા તરફ મા કરીને એક ઉત્તમ આસન ઉપર બેસી ગયા
(तरण ताओ अतेउरियाओ सुबाहुदारिय पट्टयति दुरूति दुरुहिता से पीएहिं कलसेहिं व्हावेंति, पहावित्ता सव्नालकार विभासिय करेंति करिता विउणो पाय दिउ उवर्णेति )
ત્યારબાદ રણવાસની સ્ત્રીઓએ સુબાહુ દારિકાને પટ્ટક ઉપર ચઢાવી અને તેના ઉપર બેસાડીને ચાદી તેમજ સાનાના સફેદ અને પીળા
प्रशोशी ने