Book Title: Dighnikayo Part 3
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri

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Page 225
________________ १८४ दीघनिकायो-३ (३.१०.३१३-३१३) "चत्तारो विसञ्जोगा- कामयोगविसञोगो, दिठ्ठियोगविसञोगो, अविज्जायोगविसञोगो । भवयोगविसञोगो, "चत्तारो गन्था- अभिज्झा कायगन्थो, ब्यापादो कायगन्थो, सीलब्बतपरामासो कायगन्थो, इदंसच्चाभिनिवेसो कायगन्थो । “चत्तारि उपादानानि - कामुपादानं, दिलृपादानं, सीलब्बतुपादानं, अत्तवादुपादानं । "चतस्सो योनियो- अण्डजयोनि, जलाबुजयोनि, संसेदजयोनि, ओपपातिकयोनि । "चतस्सो गभावक्कन्तियो। इधावुसो, एकच्चो असम्पजानो मातुकुच्छिं ओक्कमति, असम्पजानो मातुकुच्छिस्मिं ठाति, असम्पजानो मातुकुच्छिम्हा निक्खमति, अयं पठमा गब्भावक्कन्ति । पुन चपरं, आवुसो, इधेकच्चो सम्पजानो मातुकुच्छिं ओक्कमति, असम्पजानो मातुकुच्छिस्मिं ठाति, असम्पजानो मातुकुच्छिम्हा निक्खमति, अयं दुतिया गब्भावक्कन्ति । पुन चपरं, आवुसो, इधेकच्चो सम्पजानो मातुकुच्छिं ओक्कमति, सम्पजानो मातुकुच्छिस्मिं ठाति, असम्पजानो मातुकुच्छिम्हा निक्खमति, अयं ततिया गब्भावक्कन्ति । पुन चपरं, आवुसो, इधेकच्चो सम्पजानो मातुकुच्छिं ओक्कमति, सम्पजानो मातुकुच्छिस्मिं ठाति, सम्पजानो मातुकुच्छिम्हा निक्खमति, अयं चतुत्था गम्भावक्कन्ति। “चत्तारो अत्तभावपटिलाभा। अत्थावुसो, अत्तभावपटिलाभो, यस्मिं अत्तभावपटिलाभे अत्तसञ्चेतनायेव कमति, नो परसञ्चेतना। अत्थावुसो, अत्तभावपटिलाभो, यस्मिं अत्तभावपटिलाभे परसञ्चेतनायेव कमति, नो अत्तसञ्चेतना। अत्थावुसो, अत्तभावपटिलाभो, यस्मिं अत्तभावपटिलाभे अत्तसञ्चेतना चेव कमति परसञ्चेतना च । अत्थावुसो, अत्तभावपटिलाभो, यस्मिं अत्तभावपटिलाभे नेव अत्तसञ्चेतना कमति, नो परसञ्चेतना। ___३१३. “चतस्सो दक्खिणाविसुद्धियो। अत्थावुसो, दक्खिणा दायकतो विसुज्झति नो पटिग्गाहकतो । अत्थावुसो, दक्खिणा पटिग्गाहकतो विसुज्झति नो दायकतो। अत्थावुसो, दक्खिणा नेव दायकतो विसुज्झति नो पटिग्गाहकतो। अत्थावुसो, दक्खिणा दायकतो चेव विसुज्झति पटिग्गाहकतो च । 184 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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