Book Title: Dighnikayo Part 3
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri

View full book text
Previous | Next

Page 308
________________ [न-न] नळवनं - ५५ नळो - १५५, १६४ नागपारिसज्जो - १५४, १५५, १६३ नागमहामत्तो - १५४, १५५, १६३ नागसेनाय - १४७, १५६ नागो- १५४, १५५, १६३ नाटपुत्तस्स - ८७, १६८ नापुतो - ८७, ८८, १६७, १६८ नाथकरणा- २१२ नाथकरणाधम्मा- २४७ नानत्तकथं- - २६ नानत्तकाया - २००, २०९, २३१,२३२, २४४ नानत्तसञ्ञिनो - २००, २०९, २३१,२३२, २४४ नानत्ता - २४५ नानातित्थिया - ११, १२, १३, १४, १५ नानातित्थियानं - १२ नानातित्थिये - ११ नानुब्यञ्जनग्गाही - १८० नामगोत्तं - १४७, १५६, १६४ नामञ्च - १६९, २१९ नालन्दायं - ७३ निकामलाभी - ८४ निगण्ठनाटपुत्तकालङ्किरिया- - ८७ निगण्ठस्स नाटपुत्तस्स - ८७, १६८ निगण्ठो - ८७, ८८, १६७, १६८ निगमकथं - २६ निगमघातम्पि - ४९ निग्गहितो - ८७, १६७ निग्रोधपरिमण्डलो - १०७ निग्रोधो - २६, २७, २८, ३८, ३९ निघण्डु - १५५, १६४ निच्चा - २२, २४ निजिगीसनको - ७९ निज्जरवत्थूनि - २५१ निद्दसवत्थूनि - १९९,२३३ निप्पेसिको - ७९ सद्दानुक्कमणिका Jain Education International 15 निब्बानधातुया - १०० निब्बानाय - ९७, ९८, १०२ निब्बिदाय - ९७, १०२ निब्बिन्नरूपा – ८७, १६८ निब्बुति - २०, २२, २३, २४, २५ निब्बेधभागिया - १९८ निब्बेधिकपञ्ञ - ११८ निमित्तग्गाही - १८० निम्माता - २१, २२ निम्मानरती - १७४, २०५ नियतो - ७९, ८०, ९९ निरब्बुदं - १०८, १३३ निरयो - १८७ निरामिसोति - २२५ निरुज्झति - १४९, १५०, १५८, १५९ निरोधतण्हा - १७२ निरोधधातु - १७२ निरोधसञ्ज - १९८, २००, २३३, २५० निसन्तिया - ९५,९६ निस्सरणपञ्ञ - ३३, १७९, १८० निस्सरणिया धातुयो - १९०, १९६, २२०, २२४, २२८ निस्सरणं - १९०, १९१, १९६, १९७, २२०, २२४, २२५, २२९, २३० निहितदण्डो - १११ नीलकसिणमेको - २१४, २४८ नीलनिदस्सनानि - २०६, २४१ नीलवण्णानि - २०६, २४१ नीवरणानि - १८७, २२३ नीवारभक्खो - २९ नेक्खम्मछन्दाभिरतो - १०९, १११, ११७, ११९ [१५] क्खम्मधातु - १७२ नेक्खम्मवितक्को - १७२ नेक्खम्मसङ्कप्पो - १७२ नेक्खम्मसञ्ञ - १७२ नेगमजानपदा - ११०, ११४, १२७, १२८, १२९, १३१, १३३ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338