Book Title: Descriptive Catalogue Of Manuscripts Vol 19
Author(s): Hiralal Rasikdas Kapadia
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute
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Jaina Literature and Philosophy
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संषेपई ए मंदमिति । पभण्यु ए वृत्तांत । चरित्र श्रीसुमित्रह तणुं । सुणयो श्रद्धावंत । २९ । ढाल त्रिपदीनु ॥ सुविहित 'परतर 'गछ विराजइ । रयणायर जिम गुहिरु गाजइ । श्रीजिनसागरसूरि । ३० । तासु पट्टि गुणरूपिहि सुंदर । गिरूमा गणधरश्रीजिनसुंदर । बुद्धि करइ सुरसूरि । ३१। तासु पट्टालंकार मनोहर । श्रीजिनहर्षसूरीसर श्रीजिनगोयमस्वामि । ३२ । तासु पट्टि गुरु संपइ सोहइ। श्रीजिनचंदसूरि जग मोहा। दोहग नासइ नामि । ३३ । वाचक विवेकशंघ लघुसीस । पभणइ श्रीधर्मसमुद्रगणीस । आणी बुद्धि विच्छंद ॥ ३४ ॥ संवत पनरहसि सतसहइ (१५६७ ) । 'जाउर 'नयर पास संतुटुइ कीउं कवित आणंदह। ३५। धरणई धरइ जा सेष फणिंद । जां गयणं गणि तपइ दिणंद । शिवसिरि रोहणिकंत । ३६ । गुरुपसाइ ए भागमवाणी। चरित्र रच्यु परमारथ जाणी। तो लगइचिर जयवंत । ३३७ । इति दानविषये सुमित्रकुमाररास संपूर्ण । समाप्तं ।
संवत १६५३ वर्षे पोससुदि ६ बुधे लषितं ॥ श्री Reference - For extracts and additional MSS. see Jaina Gurjara Kavio
(Vol. I, p. 117).
सुमित्रचरित्र
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Sumitracaritra
650 1895-98
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