Book Title: Descriptive Catalogue Of Manuscripts Vol 19
Author(s): Hiralal Rasikdas Kapadia
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute

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Page 289
________________ 276 Säina Literature and Philosophy 1864 ऋषिदत्ता-रास v. S. 1572 कायापुरपाटण-सज्झाय जम्बूभन्तरङ्ग-रास C. V. S. 1572 निन्दा-सज्झाय परदेशी राजानो रास v. s. ? यौवन-जरा-संवाद रत्नसारकुमार-चउपह (रास) V.S. 1582 शुकराजसाहेली Subject - Life of Sthūlabhadra in various metres in Gujarati language For comparison see the following works स्थूलभद्रचरित्र by Siladeva Jayānanda Sūri Begins — fol. 10 शशिकरनिकरसमुज्ज्वलमरालमारुह्य विश्वसा देवी। विचरति कविजनहृदये सदये संसारभयहरिणी ॥ १॥ etc. आणी नव नव बंधं नव नव छंदेण नवनवा भावा। गुणरत्नाकरछंदं वनिसु थूलिभहस्स ॥ १८ ॥ etc. Ends-fol. 11a 'पाडल'पुरि सिगडाल सबल मंत्रीसर भणीए । नंदराय नरमुकुट सुभट सकीरति सुणीइ । थूलिभद्दथिरिमन्न कोश युवति जिणि तारी। चंद्रकला निकलंक सदा शासनि जय कारी । वयरीवियोग भाव विहरण रिद्धि सिद्धि सया। लीलाविलास सरसंरंग दिउ करु सहिजसुंदर मया ॥ ८१॥ इति श्रीथूलिभद्रछंदसि गुणरत्नाकरे (चतुर्थोऽधिकारः) समाप्तः। Reference - For extracts and additional MSS. see Jaina Gurjara Kario (Vol. I, pp. 121-123). Here on p. 121 the title of this work is noted as "Gunaratnakarachanda'.

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