Book Title: Dasvaikalika Sutra
Author(s): Swayambhava, 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 9
________________ नायतदनमका नेम्वयंप्रकामियादि सर्वधर्वर स्प सयेशहिले गिहिना निधोनाहिंत्रहिनेगिहनाधिनाअदिमिनिविअननण् सवेशात व्रात पस्वितोमि त्यादिसवीजहिलो दिन ननीयमखतेवायत अद्यापारेचवर्धमाखाव सावान् । महडिजामिसबागअदिलादागालावरमा आढावाश्वचाबनौतमहवामी अनुनारिम सर्वसदमामे सुनेप्रत्यारस्यामि देवादिनानिदेवो मनुष्य निर्यशजोनिका नेवर जबावरमा सोनामजणेपछएकामिभिसविधवा मापसेवा निरस्वजाणियेवा नेव यं मैथुनामवते निवानोविनसेवया मोत्यादि । सीजये, चव जावजावादिनावर 3 सिंथमेऊणासविज्ञाननिािमजपासवाविमामिणेसेवातविअन्नमुमणाच विदेशमसाबात पसिनोमि मीमेनविरमाने मर्वन्धर्ववत् अवापारपंच मेनदेनमान परियार डालतातमहश नवनिभिसहानभेजामावरमणोधाश्राहावारपेटमसातमहापारि मतपरियघल्पास्यामि सनमध्यान्चयादित बावजादि पूलमेगादिवनाप्रमाणे चित्तवि यहाडावरणासन्तपरिशदेपचरकामासिवा बवालवा अपवा वित जसविनं अचेतनवा यथाटनीयवानन्यारा तामिवसर्वमनापक्रयेमेवस्वोपरिणमि मेवान्याम् परिय प्रास्यामि मनवा अदितिमेवानिवसयपरिधहपशिहिमानवाजहिंपरियपशिगिष्ट्रावि५ हिरमागे अनादिक

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