Book Title: Chandanbala
Author(s): Mishrilal Jain
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 5
________________ सखियों के साथ राजोद्यान में देखो कैसे काले बादलों को देख कर.... QUADRE गजल La 900! बादल छा गये ? लगता है पानी बहुत तेजी से बरसेगा । चलो लौट चलें । अरे! कितनी सुन्दर युवती (है ? ऐसी सुन्दरता तो मैंने जीवन में कभी नहीं 'देखी। इसका हरण करना चाहिए। POR exce

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