Book Title: Chandanbala
Author(s): Mishrilal Jain
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 21
________________ मेरी पत्नी बड़ी ईर्षालु है। जेल नहीं जाना है और नौकरी में रहना हो तो सही बता चन्दनुबाला कहां है? भयभीत दासी नेतलघरकी ओर संकेत किया...... चन्दनबाला के हाथ पैर श्रृंखला से बंचे हैं। सेठ उसे देखकर आश्चर्यकरते है,दुरवीहोते है और कहते बेटी चिन्ता नकर। मैं लुहार को बुलाकर जंजीरें कटवाता हूं । Brototho MililhiN

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