Book Title: Chandanbala
Author(s): Mishrilal Jain
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 15
________________ चन्दनबालासेठ के पैर धुलाती है। उस समय उसके सुन्दर केश सेठ वृषभदासकीगोदमें आगिरे कासका सेठ ने चन्दना के बालों को समेटकर उसके कंधे पर फेंक दिये। बड़े सुन्दर बाल हैं, मेरी बेटी के अच्छा ! ये बात है! उधर एक दासी समीपही यह सब दरवरही थी.... 13

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