Book Title: Chandanbala
Author(s): Mishrilal Jain
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 18
________________ सेठ जी के चले जाने के बाद, सेठानी ने दासियों को बुलाया और चन्दन बाला के बाल काट दिये। माँ। यह क्या कर रही हो? माँ! आज तुम्ह क्या हो गया है। झूठी कहीं की। मैं तेरी माँ नहीं हूं। मेरे पति कोरूपके जाल में फंसा कर मेराघरबरबाद करना चाहती है।

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