Book Title: Chandanbala Author(s): Mishrilal Jain Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala View full book textPage 17
________________ सेठानी के हृदय में शंका बैठ गई, वह सोचने लगी... कहीं स्वामी चन्दन बाला से विवाह न कर लें । इसे घर से ,निकालना चाहिए। 100000 एक दिन सेठ वृषभदास व्यापारिक कार्यवश बाहर गये 160664 C. बेटी, बेटी, मुझसे भी छल १ 15 मैं व्यापारिक कायौं से बाहर जा रहा हूं। बेटी चन्दन बाला का ध्यान रखनाPage Navigation
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