Book Title: Chandanbala Author(s): Mishrilal Jain Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala View full book textPage 12
________________ गणिका को ५००० स्वर्ण मुद्राएं देकर चन्दन बाला को बंधन मुक्त कराया । उसे साथ लेकर सेठ तृषभदास अपने रथ की और बठे.... बेटी इस पापनी के जाल में कैसे फंस गई १ क्या नाम है बेटी ? 10 पिता श्री ! चन्दनबाला पिताश्री लम्बी कहानी है, फिर कभी बताऊंगीPage Navigation
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