Book Title: Chandanbala
Author(s): Mishrilal Jain
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 10
________________ दूसरे दिन चन्दनबाला बिकनेहेतु रूपकीहाट में खड़ी थी...... इस सुन्दरी की कीमत बोल ५०० स्वर्ण २०० स्वर्ण मुद्राएं। मुद्राष्ट । DO COCOOTER गणिका चन्दनबाला को एक कोठरी में बंद कर दिया...भाग नसके. इसी समय विक्रय स्थल के निकट सडकपर एक रंथ जा रहा था। उसमें थे नगरसेठ, उन्होंने सुन्दरी युवली चन्दन बाला को देखा और सोचने लगे...... ऐसी सुन्दर और पवित्र सुन्दरी मैने जीवन में नहीं देवी । कोई भलेघरकी लड़की संकट में फंस गई है। इसका उदार करना चाहिये। 0

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