Book Title: Chaitanya Chamatkar
Author(s): Hukamchand Bharilla
Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur

View full book text
Previous | Next

Page 18
________________ ३३ चैतन्य चमत्कार कुछ रास्ता निकल आता और......" तब वे कहने लगे - "रास्ता निकलता कहाँ है ? तुम्हारे जयपुर (खानियाँ) में सैकड़ों विद्वानों के बीच लिखित चर्चा हो चुकी है और छप भी चुकी है, उससे भी कुछ पार नहीं पड़ी तो अब क्या पार पड़ेगी ? ऐसी चर्चाओं से कुछ पार पड़नेवाली नहीं है, यह जगत तो ऐसे ही चलता रहेगा। मनुष्य भव एवं परम सत्य दिगम्बर धर्म पाया है तो आत्मानुभव प्राप्त कर इसे सार्थक कर लेना चाहिए । जगत के प्रपंचों में उलझने से कोई लाभ नहीं है।" “आपकी बात तो ठीक है, पर ......" "हमारी ही क्या ? सबके लिए यही बात है। आयुका क्या भरोसा? हमारा तो यह कहना है कि तुम भी क्यों इन बातों में उलझते हो? समय रहते अपना हित कर लेने में ही लाभ है।" “यह तो ठीक है, किन्तु ....." “किन्तु-विन्तु कुछ नहीं । यही ठीक है। एक आत्मा ही सार है, वह ही परम शरण है।" __कहते-कहते जब वे अन्तर्मग्न-से हो गये, तब मैंने उनका ध्यान भंग करते हुए कहा कि - "कुछ लोग ऐसा भी तो कहते हैं कि खानियाँ चर्चा में कुछ बदल दिया है।" तब कहने लगे - "लिखित चर्चा हुई। प्रत्येक की तीन-तीन प्रतियाँ बनीं । दोनों पक्षों के पास एक-एक प्रति अब हम क्या चर्चा करें? एवं एक प्रति मध्यस्थ के पास रही। तीनों प्रतियों पर दोनों पक्षों के एवं मध्यस्थ विद्वानों के हस्ताक्षर हुए, हस्ताक्षरों सहित पुस्तकें छपी। फिर भी वे ऐसा कहते हैं कि बदल दिया तो हम क्या करें? इससे अधिक और क्या किया जा सकता था ? अब भी यदि कोई चर्चा हो तो उसके बारे में भी यदि ऐसा ही कहेंगे तो क्या किया जा सकेगा? अत: इन बातों में पड़ना बहुमूल्य समय खराब करना है।" “यदि आप चर्चा नहीं करेंगे तो वे लोग आपको गैर दिगम्बर घोषित कर देंगे।" जब मैंने यह कहा, तब वे अत्यंत गंभीर हो गए। कुछ देर तक मौन रहे, फिर कहने लगे_ भाई ! क्या उनके घोषित करने से हम गैर दिगम्बर हो जायेंगे? उन्होंने हमें दिगम्बर कब घोषित किया है ? क्या हम उनके दिगम्बर घोषित करने से दिगम्बर हुए हैं ? हमने तो दिगम्बर धर्म को 'सत्य पंथ निग्रंथ दिगम्बर' जानकर-मानकर अंगीकार किया है। धर्म तो श्रद्धा की वस्तु है, उसे किसी के सील-सिक्के की आवश्यकता नहीं है। हमें न तो किसी ने दिगम्बर बनाया है और न कोई हमें गैर दिगम्बर बना सकता है। हम तो अपनी श्रद्धा से दिगम्बर (18)

Loading...

Page Navigation
1 ... 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38