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चैतन्य चमत्कार हम क्या करें? जैसा श्रद्धान, ज्ञान औरवचन है, वैसाचारित्र भी होना चाहिए, वह अभी नहीं है; पर श्रद्धा में फेरनहीं है। करनी
और कथनी का यह अन्तर तो है ही। पर यह अन्तर तो क्षायिक सम्यग्दृष्टि भरतादिचक्रवर्तियों के भी था। चतुर्थगुणस्थानवर्ती सभी ज्ञानियों के होता है - इसमें हम क्या करें?"
प्रश्न : “यदि यह श्रद्धा और चारित्र का भेद मिट जावे तो बहुत अच्छा रहे ?"
उत्तर : "मिट जाए तो क्या कहना? हम भी तो निरन्तर यही भावना भाते हैं, पर ऋषभदेव के ८३ लाख पूर्व तक चारित्रदोषरहा था । एकगुणदूसरे गुण में दोष उत्पन्न नहीं करता - यह महासिद्धान्त है, अन्यथा सम्यग्दर्शन नहीं हो सकता। चारित्र और वीर्य में दोष है, परन्तु सम्यग्दर्शन में दोष नहीं है।"
अन्त में चर्चा में बैठे हुए हजारों लोगों को सम्बोधित करते हुए स्वामीजी बोले - “आज अच्छी चर्चा रही, पण्डितजी ने अच्छे प्रश्न किये।"
"क्रमबद्ध तो बापू! जैनदर्शन का मस्तक है, जैनदर्शन की आँख है, वस्तुस्वभाव की मर्यादा है। इसे समझना और निस्सन्देह होना बड़ी अलौकिक बात है। आज भले ही इसे कम लोग समझते हों, पर सुनते हजारों लोग बड़े प्रेम से हैं। सुने भाई ! सुनें, सभी सुनें, पढ़ें और सबका कल्याण हो।" - कहते हुए उन्होंने अपनी बात समाप्त की।
दातारों की सूची प्रस्तुत संस्करण की कीमत कम करने वाले
दातारों की सूची १. श्री माँगीलाल मिट्ठालालजी व्हौरा, भीण्डर ५०१.०० २. श्री महेन्द्रभाई मणिलाल भालाणी, मुंबई
५०१.०० ३. श्रीमती कुसुम जैन ध.प. श्री विमलकुमारजी जैन 'नीरू केमिकल्स', दिल्ली
५०१.०० ४. श्री झमकलालजी बड़जात्या, रतलाम
५०१.०० ५. श्रीमती श्रीकांताबाई ध.प.श्री पूनमचंदजी छाबड़ा,इंदौर २५१.०० ६. ब्र. कुसुमताई पाटील, बाहुबली (कुम्भोज) २५१.०० ७. श्री शान्तिनाथजी सोनाज, अकलूज
२५१.०० ८. स्व. श्री बाबूलाल तोतारामजी जैन, भुसावल २५१.०० ९. श्रीमती रश्मिदेवी वीरेशजी कासलीवाल, सूरत १०. श्रीमती पतासीदेवी इन्द्रचन्दजी पाटनी, लाडनूं २५१.०० ११. श्री प्रकाशचंदजी जैन, महरौली
२५०.०० १२. श्री धर्मेन्द्रकुमारजी नवीनकुमारजी जैन, दिल्ली २००.०० १३. श्रीमती नीलू ध.प.श्री राजेश मनोहरलालजी काला, इंदौर २०१.०० १४. श्रीमती पानादेवी मोहनलालजी सेठी, गोहाटी १५१.०० १५. स्व. धापूदेवी ध.प.स्व. ताराचंदजी गंगवाल, जयपुर की स्मृति में
१५१.०० कुल राशि ४४६३.००
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