Book Title: Bruhat Puja Aur Laghu Puja Author(s): Tribhuvandas Amarchand Salot Publisher: Jograjji Chandmallji Vaid View full book textPage 4
________________ श्रीजिनाय नमः दादाजी श्रीरत्नप्रभसूरिआदि गुरुवरोंकी अष्टप्रकारी पूजा, •GDM विधि-प्रथमस्नात्रीया श्रीफल-नाणा यथाशक्ति हाथमें लेके खडा रहै । फिर गुरु आह्वानके श्लोक पढके स्थापना सुन्दर पट्टेपर करावे । श्लोक-रत्नप्रभान् सूरिगुरून् निधाय सुरत्नपीठे कनकोज्ज्वलाभान् । प्रबोधपुष्टान् तपसा वरिष्ठान् गुणैर्गरिष्ठान् विमलान् नमामि ॥१॥ समस्तगुणमण्डितान् परमसत्तपस्कान्मुनीन् शमोपरतिनिष्ठया परमपूज्यपादाम्बुजान् । प्रदर्शितनिजप्रभावगतिकार्यसंसाधकान् हृदब्जकमले तथा रुचिरपीठके स्थापये ॥२॥ ॐ ह्री श्री श्रीजिनरत्नप्रभसूरि-श्रीजिनयक्षदेव सूरि-श्रीजिनसिद्धसूरि-श्रीजिनकक्कसूरि-श्रीजिनPage Navigation
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