Book Title: Bruhad Shanti Mantra tatha Shanti Pooja Mahavidhi Author(s): Rajchandrasuri Publisher: Parmatma Bhaktirasik Trust Palitana View full book textPage 8
________________ ।। ॐ श्री शंभेश्वर पार्श्वनाथाय नमः ॥ ॥ ॐ ॥ ॐ शJ४य तीर्थपति श्री माहिनाथाय नमः ॥ ॥ ॐहीं श्री शान्तिनाथाय नमः ॥ श्री अरित 64°जाय श्री गौतमस्वामीन नमो नमः ।। ॥॥॥ ॥ श्री बृहद् शांति मंत्र इस मंत्र को नियम पूर्वक पढने से अथवा शांति धारा करने से सर्व प्रकार के रोग शोक व्यंतरादिक बाधायें दूर होती हैं, एवं सर्व कार्य सिद्ध करने वाला और सर्व उपद्रवों को शांत करने वाला यह मंत्र हैं । अतः इसे नित्य ही स्मरण करना चाहिये। (આ મંત્રનો દરરોજ નિયમબદ્ધ રીતે પાઠ કરવાથી અથવા શાંતીધારા કરવાથી બધા જ પ્રકારના રોગ-શોક વ્યતરાદિક બાધાઓ દૂર થાય છે તેમજ સર્વ કાર્ય સિદ્ધ કરવાની અને બધા જ ઉપદ્રવોને શાંત કરવાની શક્તિ આ મંત્રમાં રહેલી છે. માટે આ મંત્રનું દરરોજ સ્મરણ કરવું જોઈએ) ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं अर्ह व मं हं सं तं पं वं वं मं मं एं एं सं सं तं तं पं पं झं झं इवीं इवीं * क्ष्वी क्ष्वी ट्राँ र्दा द्रीं द्रीं द्रावय द्रावय नमोऽर्हते भगवते श्रीमते ॐ ह्रीं क्रौं पापं खण्ड खण्ड हन हन दह दह पच पच पाचय पाचय कुट कुट शीघ्रं शीघ्रं अहँ इवीं क्ष्वी हः सः झं वं व्हा पः हः क्षाँ क्षीं यूँ 1 क्षों क्षौं क्षं क्षः क्षीं ह्रां ह्रीं हूँ हैं ह्रीं ह्रौं ह्रा द्राँ द्रीं द्रावय द्रावय नमोऽर्हते Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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