Book Title: Bruhad Shanti Mantra tatha Shanti Pooja Mahavidhi
Author(s): Rajchandrasuri
Publisher: Parmatma Bhaktirasik Trust Palitana

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Page 11
________________ ॐ ऋषभ स्वामिनः श्री पाद पद्म प्रसादात् अष्ट विध कर्म विनाशनं चास्तु वः ।। १ ।। * श्रीमतजित स्वामिनः श्री पादपद्म प्रसादात् अजेय शक्ति भवतु वः ।। २ ।। सम्भव स्वामिनः श्री पादपद्म प्रसादात् अनेक गुण गणाश्चास्तु वः ।। ३ ।। अभिनन्दन स्वामिनः श्री पादपद्म प्रसादादभिमत फलं प्रयच्छन्तु वः ।।४।। सुमति स्वामिनः श्री पादपद्म प्रसादादमृतं पवित्रं प्रयच्छन्तु वः ||५|| पद्मप्रभ स्वामिनः श्री पादपद्म प्रसादात् दयां प्रयच्छन्तु वः ।।६।। सुपार्श्व स्वामिनः श्री पादपद्म प्रसादात् कर्मक्षयश्चास्तु वः ।।७।। श्री चंद्रप्रभ स्वामिनः श्री पादपद्म प्रसादाश्चन्द्रार्क तेजोऽस्तु वः ।।८।। पुष्पदंत स्वामिनः श्री पादपद्म प्रसादात् पुष्पं सम कान्ति अतिशयोऽस्तु वः || ९ || शीतल स्वामिनः श्री पादपद्म प्रसादाद शुभ कर्ममल प्रक्षालनमस्तु वः ।।१०।। श्रेयांसजिन स्वामिनः श्री पादपद्म प्रसादात् श्रेयस्करोऽस्तु वः ।।११।। Jain Education International (१०) For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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