Book Title: Bruhad Shanti Mantra tatha Shanti Pooja Mahavidhi
Author(s): Rajchandrasuri
Publisher: Parmatma Bhaktirasik Trust Palitana
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च सिद्धाः सिद्धिं प्रयच्छन्तु वः ।।
ॐ नृपाति शत सहस्त्रालंकृत सार्वभौम राजाधिराज परमेश्वर बलदेव वासुदेव मण्डलीक महामात्य सेनानाथराज श्रेष्ठि पुरोहिताधीश कराञ्जलिनमितकर कुंकुम मुकुलालङ्कृत पादपद्माः । कुलिशनाल रजतमृणाल मन्दार कर्णिकाराति कुलगिरि शिखर शेखर गगन मन्दाकिनी महाहदनदनदीशत सहस्त्रदल कमल वासिन्यादि सर्वाभरण भूषिताङ्ग सकल सुन्दरी वृन्दवन्दित चारु चरण कमल युगलाः ।। आमौषधयः । खेलौषधयः । जल्लोषधयः । विषधयः । सर्वौषधयश्च वः प्रीयन्ताम् प्रीयन्ताम् मति स्मृति संज्ञा चिन्ताभिनिबोध ज्ञानिनश्च वः प्रीयन्ताम् प्रीयन्ताम् ।।
ॐ ह्रीं अर्हं णमो जिणाणं र्हां ह्रीं हूँ ह्रौं ह्रः असिआउसा अप्रतिचक्रे फट् विचक्राय झौं झौं स्वाहा ॐ ह्रीं अर्हं णमो ओहिजिणाणं सिरोरोग विनाशनं कुरु कुरु । ॐ ह्रीं अर्ह णमो * परमोहि जिणाणं नासिकारोग विनाशनं कुरु कुरु । ॐ ह्रीं अर्हं णमो सव्वोहि जिणाणं *
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