Book Title: Bruhad Shanti Mantra tatha Shanti Pooja Mahavidhi
Author(s): Rajchandrasuri
Publisher: Parmatma Bhaktirasik Trust Palitana

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Page 12
________________ वासुपूज्य स्वामिनः श्री पादपद्म प्रासादाद्रत्नत्रया वासं करोऽस्तु वः ||१२|| विमल स्वामिनः श्री पादपद्म प्रसादात् सद्धर्म वृद्धिर्वै माङ्गल्यं चास्तु वः ।। १३ ।। अनन्तनाथ स्वामिनः श्री पादपद्म प्रसादात् शर्म प्रचयोऽस्तु वः ।।१४।। * धर्मनाथ स्वामिनः श्री पादपद्म प्रसादात् दशविध धर्मप्राप्तिं करोऽस्तु वः ||१५|| श्रीमदर्हत्परमेश्वर सर्वज्ञ परमेष्ठि शान्तिनाथ स्वामिनः श्री पादपद्म प्रसादात् शान्ति करोऽस्तु वः ।। १६ ।। कुन्थुनाथ स्वामिनः श्री पादपद्म प्रसादात् तंत्राभि वृद्धिं करोऽस्तु वः ।।१७।। अरजिन स्वामिनः श्री पादपद्म प्रसादात्परम कल्याण परम्पराऽस्तु वः ||१८|| मल्लिनाथ स्वामिनः श्री पादपद्म प्रसादाच्छल्य विमोचनं करोऽस्तु वः ।। १९ ।। मुनिसुव्रत स्वामिनः श्री पादपद्म प्रसादात्सम्यग् दर्शनं चास्तु वः ।।२०।। नमिनाथ स्वामिनः श्री पादपद्म प्रसादातसम्यग् ज्ञानं चास्तु वः ।।२१।। Jain Education International (११) For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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