Book Title: Bruhad Shanti Mantra tatha Shanti Pooja Mahavidhi
Author(s): Rajchandrasuri
Publisher: Parmatma Bhaktirasik Trust Palitana
View full book text ________________
पच पच पाचय पाचय कूट कूट शीघ्रं शीघ्रं सर्व वशं मानय हूं विघ्न फट् स्वाहा ।
श्री श्रमण संघस्य शान्तिर्भवतु । श्री जन पदानां शान्तिर्भवतु । श्री राजाधिपानां शान्तिर्भवतु । श्री राजसन्निवेशानां शान्तिर्भवतु । श्री गोष्टिकानां शान्तिर्भवतु । श्री पौरमुख्याणां शांतिर्भवतु । श्री पौरजनस्य शान्तिर्भवतु । श्री ब्रह्मलोकस्य शान्तिर्भवतु । ॐ स्वाहा । ॐ स्वाहा । ॐ श्री पार्श्वनाथाय स्वाहा....
Jain Education International
यत्सुखं त्रिषु लोकेषु, व्याधि व्यसन वर्जितं । अभयं क्षेम मारोग्य, स्वस्तिरस्तु विधीयते ।।
श्री शांतिरस्तु शिवमस्तु जयोऽस्तु नित्य मारोग्यमस्तु । तव दृष्टिसुपुष्टिरस्तु कल्याणमस्तु सुखमस्त्वाभि वृद्धिरस्तु । दीर्घायुरस्तु कुल गोत्र धनं धान्यम् सदाऽस्तु शिवमस्तु सर्व जगतः परहित निरता भवन्तु भूतगणाः । दोषाः प्रयान्तु नाशं, सर्वत्र सुखी भवतु लोकः ।।
(२४) For Private & Personal Use Only
**************
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66