Book Title: Bharat ke Prachin Jain Tirth
Author(s): Jagdishchandra Jain
Publisher: Jain Sanskriti Sanshodhan Mandal

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Page 77
________________ .३७ त्रा अंतरीक्ष पाश्र्वनाथ ६२ आलभिया १०, १२, ३७ अंधपुर ६५ --आलवी अंबठिका २२ आलसन्द (देखो अलसण्ड) अंबापाली २८ आवश्यक चूणि ६, ४० ५०, ५४, ५८ अंबवन आवत्ता ग्राम अंसुवर्मा आसाम आष्टे आइने अकबरी ४३, ५४ आकर आकोला ६२ इक्ष्वाकु भूमि आचारांग सूत्र २, ५ --अयोध्या आचाय धरसेन ५० इन्दपुरग आदिनाथ ३८, ४७, ५४, ६३ इन्द्रपुर ~ऋषभदेव इन्दौर आनर्त ४९ इन्द्रजीत मानर्तपुर इन्द्रपद -आनन्दपुर -गजाग्रपद गिरि–दशार्णकूट आनन्द २९ इन्द्रप्रस्थ आनन्दरक्खिय -दिल्ली आन्ध्र १५, ४९, ६५ इन्द्रभूति २, ६, ७, २२ २३ आबू (देखो अर्बुद) -गौतम स्वामी आभीर ६२ इन्द्रमहोत्सव आमलकप्पा २९ इन्द्रमाला यायागपट इलापुर आरबक २४ --एलोरा आराधना कथाकोष ६३ इलाहाबाद आर्य आषाढ़ ५६ -प्रयाग आर्य महागिरि २, २२, २७, इसिगुत्ति ३७, ५७, ५८ इसिदत्तिय आर्य मंगु ४५, ६५ इसिपत्तन बार्य रक्षित २, ४५, ५६ -सारनाथ बार्य स्कन्द बार्य सुहस्ति २, १५, २२, ३७, ५७ ईरान ४९, ५६ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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