Book Title: Bharat ke Prachin Jain Tirth
Author(s): Jagdishchandra Jain
Publisher: Jain Sanskriti Sanshodhan Mandal

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Page 81
________________ ३, ५९ कोशल १६, १९, २८, ३५, ३८ गंगा ९, ३६, ३७, ४२ कोशला ३९ गंडकी ११, २८, २९ कोशा २२ -गंडक कोसंबिया १७ गंधार कोंकण ६४, ६६ गाधिपुर कौशलिक -कान्यकुब्ज -ऋषभदेव गामाय संनिवेश कौशांबी ४, ५, १२, १४, १६, गांगेय -कोसम १८, २०, ३५, ३७, ३८ ग्वालियर गिरनार (देखो ऊर्जयन्त) खज्जूरवाहक ५९ गिरियज्ञ -खजराहा गिरिव्रज खर्वट --राजगृह खब्बड ३३ गुजरात -दासी खब्बड गुणसिल खण्डगिरि ३०, ३१ -गुणावा खारवेल ३० गुण्टूर खुखुंदो (देखो किष्किघापुर) गुरुदत्त खोमलिज्जिया १७, ३४ गोदास गण -कोलिया गोदावरी खंभात ५३ गोब्बर गाम गोभूमि ११, ३३ गजपंथा ४, ६५ -गोमोह गजपुर १६ गोम्मट -हस्तिनापुर गोयमज्जिया गजाग्रपद गिरि गोरखपुर २६, ४१ –दशार्णकूट-इन्द्रदीप गोलि गणतंत्र २८ गोल्ल गणराजा १३ गोल्ल (आचार्य) गया २६ गोशाल (मंखलिपुत्र) ६, ९, १०, ११, यवेधुया २२, २३, ३७, ४. गर्गरा २५ गोंडवाना गर्दभिल्ल ४, ५६ गोंडा ३९ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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