Book Title: Bharat ke Prachin Jain Tirth
Author(s): Jagdishchandra Jain
Publisher: Jain Sanskriti Sanshodhan Mandal

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Page 84
________________ थूणाक संनिवेश ९ दितिपयाग थोवन जी ६० -प्रयाग दिल्ली (देखो इन्द्रप्रस्थ) दक्षिण द्वार ४० दिव्यावदान दक्षिण मथुरा ६८ दीघनिकाय -मदुरा दीनाजपुर दक्षिणापथ १, ५६, ६१ द्वीपायन दढभूमि १२, ३२ दुइज्जन्त -धालभूम दुधनी दण्डकारण्य ( देखो कुम्भकारकृत ) देवगढ़ दण्डपुर (देखो उद्दण्डपुर) देवपट्टन (देखो चन्द्रप्रभास) दतिया ५९ देवधिगणि क्षमाश्रमण दधिवाहन १२, २४ देववाराणसी दन्तखात ३६ देवसूरि दन्तपुर ३० देशभूषण दमुण्डा एण्ड देअर कन्ट्री ३३ द्रोणगिरि दशपुर ५८ द्रौपदी मन्दसौर -पांचाली दशवैकालिक २०, २४ दशार्ण १६, ५७ धनकटक दशार्णकट ५८ धनपाल —गजाग्रपदगिरि-इन्द्रदीप धनाशा दशार्णपुर ५७, ५८ धन्यकटक दशार्णभद्र ५८ धरणेन्द्र दहीगाँव ६३ धर्मचक्र दम्म ५४ धर्मचक्रभमिका द्रविड़ १५, ४९, ६१, ६६ धर्मनाथ दासी खब्बडिया (दखो खब्बड) धर्मसागर उपाध्याय दासी खब्बड १७ धाराशिव द्वारवती ४, १६, ४, ४९, ५० धालभूम (देखो दढभूमि) -द्वारिका धुलेवाजी दिकसाल ६४ धौलि (देखो तोसलि) दिगम्बर २, ३४, ५८ ध्रुवसेन Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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