Book Title: Bharat ke Prachin Jain Tirth
Author(s): Jagdishchandra Jain
Publisher: Jain Sanskriti Sanshodhan Mandal

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Page 83
________________ २३ जयन्ती जयपुर ५४ तक्षशिला ४, २१, ३६, ४७, ४८ जरासंध २०, ४४, ४९ तगरा जलमन्दिर -तेर जसभद्द १७ तपोदा जसवंतपुर ५४ -तपोवन जंभियगाम १२, २३ -महातपोपतीरप्रभ ज्ञाताधर्मकथा १, ७ तमिल ज्ञातृखण्ड ८, २९ –दमिल-द्रविड़ जाखलौन ६० तम्बाय जातक ३०,३५,४०,४६,४७,५२,६३,६५ ताम्रलिप्ति १६, १८, ३२ जापान २२ -तामलुक जावा १९, ३२ तामलित्तिया जाङ्गल १६ तारंगागिरी ५२, ५३ जिनकल्प २, ६ तिब्बत जिनप्रभसूरि २२, २३, २७ ३६, तिरहुत ३९, ४०, ४२ ५४ तीर्थमाला जीवक ४७ तुंगिक जीवन्तस्वामी प्रतिमा ३०, ३८, ५६ तुङ्गिय सनिवेश जूनागढ़ ५० तुङ्गिय नगरी ६, २३, ६५ जेतवन ४० तुङ्गिय गाम २३ जैन काशी ६७ तेजपाल ५०, ५३, ५४ जैनबद्री ३, ६७ तेर (देखो तगरा) जैन तीर्थो नो इतिहास २३ तेलवाह जोणग ४ तेलंगण -यवन तेलुगु ६५ जोधपुर तोसलि(तोतलि अशुद्ध छपा है) १२,३१ -धौलि झूसी ३८ तोलि (आचार्य) सा आपापा ३१ त्रिपिटक टीकमगढ़ ६० त्रिशला ८, २७, २८ ५४ ठाणा • ६५ ४८ थूणा (दो थूणा) Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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