Book Title: Bharat ke Prachin Jain Tirth
Author(s): Jagdishchandra Jain
Publisher: Jain Sanskriti Sanshodhan Mandal

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Page 87
________________ ( १२ ) बज्जि बनिया बंगाल १३, १५ ३१ फ़रूखाबाद ४२ बंभदीविया फलोधी ५५ बंभलिज्ज फ़ाहियान २२, ३१, ४१, ४३ बंबई फैजाबाद ३९ बंस-वत्स ब्रह्मद्वीप बच्छ-वत्स १९ ब्रह्मद्विपिका १९ ब्रह्मस्थलहस्तिनापुर बटेसर बानगढ़ बड़नगर ५२ बार्सी टाउन बड़वानी ५८ बालासर बड़वाह ५८ बालि बड़ागाँव २३ बालुया गाम बड़ौदा ५३ बावनगजा बनारस ३५, ३६, ३७, ४५ बावन गजी -वाराणसी बाहुबलि बाँदा -वाणियगाम ब्राह्मणग्राम बरमा २२, ३४, ४० ब्राह्मणकुण्डग्राम ----सुवर्णभमि विन्दुसार बरार बिम्बिसार बरेली ४३ -श्रेणिक बर्बर २४ बिहार ७, १३, १४, १९ बर्दवान ३४ बिहार शरीफ़ २१, २३ १०, ११, ६५ बुद्ध २१, २२, २४, २६, २७, २८, बलरामपुर ४० ३५, ३७, ३९, ४०, ४१, ४५,४६ बलिस्सह गण १७ बुद्धगया बसाढ़--वैशाली २८ बुलन्दशहर (देखो उच्चानगर) बसुकुण्ड (देखो कुण्डपुर) २ बुन्देलखण्ड बहली ४७ बृहत्कथाकोश बहुसालग ११ बृहत्कल्प सूत्र बंग १६, १९, ३१ बृहत्कल्प भाष्य २, १४, ४४, ५४ ---बंगाल बृहदारण्यक Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com बलदेव

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